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दिल्ली में दम घोंटू हवा, राजधानी बनी ‘गैस चैंबर’ — सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली ब्यूरो / महातंत्र न्यूज

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने खतरनाक स्तर पार कर लिया है। सुबह से ही पूरा शहर घने स्मॉग की चादर में लिपटा नजर आ रहा है। हवा में ज़हर इस कदर घुल चुका है कि लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर दृश्यता (Visibility) इतनी कम है कि वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 700 से 800 के बीच पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्तर सामान्य से 10 से 13 गुना ज़्यादा ज़हरीला है।


🌫️ स्मॉग से जिंदगी बेहाल

दिल्ली के इंडिया गेट, लाल किला, आईटीओ, आनंद विहार, और रोहिणी जैसे क्षेत्रों में घना स्मॉग छाया हुआ है।
लोग मास्क पहनकर घर से निकल रहे हैं, वहीं अस्पतालों में सांस की तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ गई हैं।
स्कूलों में छुट्टियां घोषित की जा चुकी हैं, निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है, और कई जगहों पर ट्रैफिक धीमा पड़ा हुआ है।


⚠️ विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में हालात अब “Public Health Emergency” की स्थिति में हैं।
बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह सिर्फ एक प्रदूषण की समस्या नहीं बल्कि जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ा बड़ा खतरा है।


🔥 सरकारों पर सवाल

राजधानी हर साल इस समय दम घोंटने पर मजबूर होती है।
सरकारें हर बार वादे करती हैं, योजनाएं बनाती हैं, लेकिन नतीजा वही रहता है —
दिल्ली फिर बन जाती है गैस चैंबर।

प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन, और निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल को बताया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, पर जनता पूछ रही है —
“क्या हमें अब सांस लेने के लिए भी लड़ना पड़ेगा?”

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